Thursday 15 February 2024

मुझे अच्छा लगता है

मुझे अच्छा लगता है...
जब तुम पकड़ लेते हो
मुझे पीछे से आकर।।
मुझे अच्छा लगता है...
जब तुम सब बात मुझे बताते हो
कुछ नहीं रखते मुझसे छुपाकर।।
मुझे अच्छा लगता है...
जब तुम ले जाते हो घुमाने खुद ही बाहर।। 
मुझे अच्छा लगता है...
जब तुम खाना ऑर्डर कर देते हो 
मेरे थक जाने पर।।
मुझे अच्छा लगता है...
जब तुम आराम करवाते हो मुझे 
सारे काम छुड़वाकर।।
मुझे अच्छा लगता है...
जब तुम उल्टा-पुल्टा काम कर 
मेरी दो चार बातें सुन हंसी में उड़ा जाते हो। 
मुझे अच्छा लगता है...
जब तुम बिना गुस्सा आये 
इतना सब कर जाते हो।।




Wednesday 7 February 2024

कहना है तुमसे बस इतना..

कहना है तुमसे बस इतना
साथ जब तक हो मेरे 
करना वफ़ा...
न झूठ बोलना कभी 
न देना दग़ा..।।

कहना है तुमसे बस इतना 
साथ जब तक हो मेरे 
प्यार करना बेइंतहा..
सच्चे मन से संग रहना तुम सदा।।

कहना है तुमसे बस इतना
करो न करो कभी तारीफ मेरी
मुझे नहीं इसकी परवाह...
पर औरों की खूबियां मुझे कभी न गिनाना
ना ही किसी और से मुझे तोल तुम जाना..।।

कहना है तुमसे बस इतना
ना देना चाहे कभी कोई उपहार या गहना 
पर लोगों के समक्ष सम्मान जरूर देना...  

कहना है तुमसे बस इतना 
कोई भी फैसला ख़ुद ही अकेले ना कर लेना 
हर छोटी-बड़ी बात में मुझे शामिल तुम करना।।
कहना है तुमसे बस इतना।।












Friday 20 October 2023

माँ हूं मैं

सोते हुए मैं हमेशा जागी रहती हूं...
हर पहर अपने बच्चे में खोई रहती हूं...
बहुत से काम एक साथ कर देती हूं...
हर दिन की थकान यूं ही झेल लेती हूं...
माँ हूं मैं... इसलिए हर स्थिति में ढल लेती हूं।।

भूख लगे जब बच्चे को तो दूध पिला देती हूं..
रोने लगे तो खेल खिला मन बहला देती हूं...
खिल-खिलाकर हंसता है तो मैं भी हंस देती हूं..
तकलीफ़ में होता है जब तो मैं ही रो देती हूं...
माँ हूं मैं... इसलिए उसे भलीभांति महसूस कर लेती हूं।।


आंखों में अपने बच्चे की सब बातें पढ़ लेती हूं...
सिर पर उसके बार-बार प्यार भरा हाथ फेर देती हूं..
मासूम चेहरा उसका कई दफा ही मैं चूम लेती हूं... 
अच्छी नींद आये उसे सो कहानी-लोरी सुना देती हूं..
माँ हूं मैं... इसलिए ये सब करती रहती हूं।।

गिरता-पड़ता है तो हौसला उसका बढ़ा देती हूं...
उंगली पकड़े जब मेरी तो हाथ उसका थाम लेती हूं..
रोज़ ही मंदिर में उसे मैं मत्था टिकवा देती हूं...
हर बला से बचाने को उसे काला टीका लगा देती हूं..
माँ हूं मैं... इसलिए उसके लिए रब से दुआएं मांगती रहती हूं।।

Monday 21 August 2023

बचपन न लौटेगा अगली बार


हमारा छोटा-सा बच्चा देखो बड़ा हो गया...
पता भी न चला कब गोदी छोड़ हमारी 
अपने पैरों के बल खड़ा हो गया।।

कहते थे सब ज्यादा गोद में न लो
आदत पड़ेगी परेशान करेगा...
अपने दिल ने न मानी किसी की सलाह
गोदी में घुमाया-खिलाया-सुलाया इसे....
सोच कर हर बार हमने यही बात 
कि ये बचपन इसका फिर थोड़ी लौटेगा।।

कू-कू कर जब हमको ये बुलाने लगता है
देखते ही फिर अपनी बाहें फैलाने लगता है..
ले लो गोदी में मुझे अब मम्मा-पापा
आंखों से आंखें मिलाकर कहता है।।

मिलता है सुकूं जब चिपक जाता है ये सीने से..
सच में ये बचपन कितना मजा देता है जीने में।।
प्यारा बचपन लौट आया हमारा भी फिर एक बार..
तरह-तरह की आवाज़ें निकाल रहे हम भी बच्चे के साथ।।

बचपन तो है एक ऐसा अनोखा उपहार..
जो न लौटेगा कभी-भी अगली बार।।

कहना है उन माँ-पिता से हमें बस इतना... 
न सोचें कभी कि बच्चे को गोद में रखें कितना 
ये मौका फिर न मिलेगा अभी मिला है जितना।।

हो जाना है बच्चे ने एक दिन बहुत बड़ा... 
फिर चाहकर भी ये तुम्हारी ओर न दौड़ेगा।।

घेर लेंगी इसे जीवन की सभी व्यस्तताएं...
तब तुम चाहेंगे कि ये तुम्हारी गोद में आ जाएं।।

संभव न होगा तब बच्चे को गोदी में झुलाना...
फिर लेने को उसे अपने पास तुम आंसू न बहाना।।

बचपन उसका तुम साथ उसके जीना भरपूर...
पल भर के लिए भी उसे नज़रों से करना न दूर।।









Tuesday 6 September 2022

Niagara का अद्भुत नजारा बेहद करीब से देखा

पानी से मेरी दोस्ती बचपन से ही रही है। हमेशा से ही पानी मुझे अपनी ओर खींचता रहा है। जहां बहता पानी दिखा, वहीं मुझे मस्ती सूझने लगती है। मेरे जैसे बहुत लोग होंगे, जो पानी देखकर झूम उठते होंगे। नदी, झरने मुझे बेहद भाते हैं, इनको करीब से देखना काफी रोमांचक लगता है। यूं तो अपने गांव में काफी नदी, झरने देखे हैं, जो पहाड़ों के बीच से झर-झर निरंतर बहते रहते हैं।

खैर, आज दुनिया के सबसे खूबसूरत और मशहूर झरनों में से एक Niagara falls को काफी करीब से देखने का मौका मिला। लगता है जैसे Niagara falls की खूबसूरती मुझे अपनी ओर खींच ले गई। इस falls की खूबसूरती के बारे में पहली बार तब जाना था, जब 2013-14 में bhaskar.com में थी.. दुनिया के top 10 famous n beautiful falls के बारे में content लिखना था... Google में Niagara की photos इतनी ग़ज़ब लगी थी कि तब से इस falls का नाम जुबां पर बैठ गया.. उस दौरान पता नहीं था कि दुनिया के सबसे मशहूर और खूबसूरत झरने को कभी करीब से निहारने का सौभाग्य मिलेगा।



खैर, खुशकिस्मती से Niagara falls को बेहद नजदीक से देखा... जितना इसके बारे में लिखा था, उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत है ये फॉल्स..खतरनाक वाला खूबसूरत... शानदार.. जानदार...। इतने सुंदर झरने को बयां करने के लिए कोई और बेहतरीन शब्द नहीं मिल रहा मुझे.. इसलिए अपने शब्दो में इसे खतरनाक वाला खूबसूरत कह रही हूं। इसकी खूबसूरती देखते ही हम सभी के मुंह से wow... ग़ज़ब..कितना मज़ेदार है... मजा ही आ गया.. क्या शानदार झरना है और bla bla bla शब्द निकल रहे थे..


Maid of the mist पर किए मजे

Niagara falls की खूबसूरती एकदम करीब से निहारने के लिए हमें Maid of the mist पर बैठाया गया। Maid of the mist एक बोट का नाम है। इस नाव पर सवार होने से पहले हमें नीले रंग का रेनकोट दिया गया, ताकि भीगने से बच सकें। लेकिन हम लोगों को तो भीगने में ही मजा आया। खैर, जैसे ही नाव आगे बढ़ना शुरू हुई, धीरे-धीरे Niagara falls करीब आता गया। हम सभी के चेहरे पर पहले पानी की हल्की फुहारें पड़ने लगी.. लेकिन जैसे ही फॉल्स के और नजदीक पहुंचे, तो तेज बारिश की तरह झरने का पानी हमें भिगाने लगा। हम सभी अपने चेहरे को आसमान की ओर कर झरने की बौछारों का मजा लेने लगे। बेहद तेजी से गिरता झरना ऐसा लग रहा था मानो आसमान से दूध गिर रहा हो। यह एक अद्भुत नजारा था।


झरने के बीच में दिखी रोमांचक चीजें

झरने को निहारते वक्त कई चीजें काफी रोमांचक थीं। यहां हमें इंद्रधनुष नजर आया, जो फॉल्स की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था। साथ ही यहां आसमान, झरने और नदी का गजब संगम बन रहा था। तीनों आपस में एक दूसरे को जोड़ रहे थे। झरना जितनी तेजी से नीचे गिर रहा था, उतनी ही तेजी से आसमां की ओर उछाल मार रहा था। ऊपर की ओर बेहद तेजी से उछाल मारता पानी ऐसा लग रहा था मानो धुआं उठ रहा हो। जब हम रास्ते में थे तो दूर से इस उछलते हुए पानी को पहले हमने धुआं ही समझा था। पर बाद में जब फॉल्स के नजदीक पहुंचे तो पता चला कि ये धुआं नहीं पानी है। वहीं, झरना नीचे Niagara नदी में बहता हुआ पानी से सुंदर आकृतियां भी बना रहा था। नाव की सवारी में हम सभी सैलानियों ने बेहद मजे किए। सभी अपने मोबाइल में Niagara की खूबसूरती कैद कर रहे थे।

कनाडा के सैलानियों के रेड रेनकोट

बोट राइडिंग के वक्त हम लोगों को दूसरी ओर से भी एक बोट दिखाई दी। इस बोट के सैलानियों ने रेड कलर के रेनकोट पहने हुए थे। ये सैलानी कनाडा की ओर से थे। आपको बता दूं कि Niagara falls अमेरिका और कनाडा, दोनों हिस्सों में आता है। यह फॉल्स अमेरिका और कनाडा के बॉर्डर पर Niagara नदी पर स्थित है। Niagara falls को Goat Island दो हिस्सों में बांटता है। एक ओर अमेरिका तो दूसरी ओर कनाडा।

सीढ़ियों पर भी झरने का लुत्फ

तकरीबन 20 मिनट नाव पर सवार होकर हम सभी ने झरने का खूब लुत्फ लिया। सब चाहते थे कि एक बार बोट को और घुमा दिया जाए ताकि और मजा ले सकें। लेकिन, ऐसा मुमकिन नहीं था। खैर, मजा अभी खत्म नहीं हुआ था। बोट से उतरने के बाद हम लोग सीढ़ियों से उस तरफ गए, जहां से झरना बिल्कुल हमारे सामने ही था। हम सभी ने यहां पर भी बहुत मजे किए। किसी ने भी भीगने का मौका नहीं छोड़ा। सीढ़ियों और बोट पर झरने की तेज बारिश हमें भिगाकर सुकूं तो दे ही रही थी। साथ ही इन दोनों जगहों पर तेज गति से बहती हवा भी हमें मदमस्त करने में पीछे नहीं थी। Niagara का नजारा निहारने में इतना अच्छा महसूस हो रहा था कि किसी का वापस आने का मन ही नहीं था.. सब यही कह रहे थे.. थोड़ा और रुकते हैं न.. थोड़ा-सा और बस...।।

अंधेरे में रंगीन हो गया झरना

खैर, इसके बाद हमने साइड वॉक की और यहां से भी झरने को निहारने के मजे लिए। शाम ढलने के वक्त यहां से झरना बेहद हल्के हरे रंग का नजर आने लगा। लेकिन जैसे ही अंधेरा बढ़ने लगा Niagara falls का रंग भी बदलने लगा। झरना लाल-गुलाबी रंग में सराबोर हो गया, जो बेहद आकर्षक लग रहा था। यह सब लाइट की वजह से था। ऐसा लग रहा था जैसे रंगीन झरना बह रहा हो। इसका रंगीन नजारा आंखों में एक नई चमक दे रहा था। रंगीन झरना ऐसा लग रहा था जैसे लावा उठ रहा हो। जब google में Niagara की photos देखी थी तो लगा था कि यहां पानी रंग बदलता है... पर ये सब कनाडा वालों की ओर से लगाई गई लाइट का कमाल है। सच में Niagara falls है बहुत खूबसूरत... इसकी खूबसूरती आंखों में बस गई है।

रेस्टोरेंट में अजब-गजब सिस्टम

Niagara Falls जाने से पहले हम लोगों ने फॉल्स के पास ही मौजूद रेस्टोरेंट में लंच करने का मन बनाया। हम कोई ऐसा रेस्टोरेंट ढूंढ़ रहे थे, जहां वेज- नॉनवेज दोनों मिले, ताकि किसी को दिक्कत न हो। खैर, हमें एक अच्छा इंडियन रेस्टोरेंट मिल भी गया। लेकिन यहां का सिस्टम काफी अजब-गजब था। यहां खाने के लिए टाइम लिमिट दी गई थी। 45 मिनट में आपको खाना खाकर अपनी टेबल छोड़नी थी। वहीं, अगर आपने प्लेट में खाना छोड़ा तो उसके लिए 10 डॉलर फाइन देना होगा। वैसे 10 डॉलर फाइन देने वाली बात काफी अच्छी थी, ताकि कोई खाना बर्बाद न करे। उतना ही लें, जितना खा सकें। खाना काफी अच्छा था। खाने में सभी चीजें मौजूद थीं, जैसी इंडियन शादियों में होती हैं। लेकिन अपने इंडिया में लोग खाना बहुत बर्बाद करते हैं। मुझे अमेरिका की यह बात काफी अच्छी लगती है कि लोग फूड वेस्ट नहीं करते। रेस्टोरेंट वाले भी अपने पास बॉक्स रखते हैं, ताकि लोग अपना बचा हुआ खाना घर ले जा सकें।

Friday 1 April 2022

चाहत

न दौलत की ख्वाहिश है ना शौहरत चाहती हूं..
बस ज़िंदगी अपने ढंग से जीना चाहती हूं।।
दूसरों की मर्ज़ी ख़ुद पर नहीं लादना चाहती हूं..
अपनी छोटी सी ज़िंदगी को बस बड़ा बनाना चाहती हूं।।
महज़ दिखावे के लिए कोई काम नहीं करना चाहती हूं..
जो असल में हूं बस वही रहना चाहती हूं।।
न किसी के पीछे दौड़ना चाहती हूं ना चलना चाहती हूं..
हवा की तरह अपनी लय में बस बहना चाहती हूं।।
किसी के महल की तरह महल नहीं चाहती हूं..
अपने छोटे से घरोंदे में बस सुकूं से रहना चाहती हूं।।
दुनिया कहती थी कहती है और कहती ही रहेगी..
उनके नक्शे कदम नहीं चलना चाहती हूं...
अपनी ज़िंदगी के लिए रास्ते ख़ुद बनाना चाहती हूं।।

Saturday 27 November 2021

जब फर्क नहीं पड़ा तुमको मेरे आने से...

तो जाने पर मेरे उदास क्यों हो...???


नजदीकियां जब बढ़ानी चाही मैंने...

तो अनदेखा हमेशा किया तुमने...

मगर अब, जब मैं खुद को समझा चुकी हूं

तो तुम मेरे लिए इतने बेताब क्यों हो...???


करती रही जब अपने प्यार का इजहार मैं...

तो तुमने कोई जवाब न दिया...

मगर आज जब मैं खामोश हूं...

तो तुम इतने आशिक मिजाज क्यों हो...???


हर पल हर लम्हा इंतजार करती रही तुम्हारा...

मगर तुम नहीं आए...

और आज जब मैं संभाल चुकी हूं खुद को...

तो तुम मेरे इंतजार में क्यों हो...???


binni_1705